आज कांशी राम का जन्मदिन है, हमारा पूरा उत्तर प्रदेश आज बंद है. आज सार्वजनिक छुट्टी है. मेरे यह नहीं समझ में आता है कि कांशी राम ने इस समाज और इस देश को क्या दे दिया है? या फिर उन्होंने दलितों के लिए ही क्या कर दिया है? आज भी दलित वहीँ है, जहाँ आज से कई साल पहले था, बना अगर कोई है तो वो कांशी राम कि उत्तराधिकारी मायावती.
मेरे यह नहीं समझ में आता कि डॉ. आंबेडकर, मायावती और कांशीराम ने इस देश को क्या दिया? सिवाय चौराहों के.
काश! कोई मुझे इन तीनों कि उपलब्धियां बता दे?
मेरे यह नहीं समझ में आता कि डॉ. आंबेडकर, मायावती और कांशीराम ने इस देश को क्या दिया? सिवाय चौराहों के.
काश! कोई मुझे इन तीनों कि उपलब्धियां बता दे?
18 comments:
अगर इमानदारी से कहा जाये, तो एक मिनट के लिए आप आंबेडकर की उपलब्धियों को स्वीकार कर सकते हैं, मगर बार बार मेरे जेहन में भी यह बात आयी है कि दलित वोटों के ध्रुवीकरण के अलावा मायावती और कांशीराम कि क्या उपलब्धि रही है? वास्तविक रूप से इन्हें वी. पी. सिंह की मूर्तियाँ लगवानी चाहिए, उस बेचारे ने सिर्फ गालियाँ ही खाई, और मज़ा लालू, रामविलास, और बहनजी ले रही हैं |
महफ़ूज़ भाई, किया तो MGR ने भी इस देश के लिये कुछ भी नहीं था, फ़िर भी भारत रत्न मिल गया… चौधरी चरणसिंह एक बार भी लोकसभा का सामना किये बगैर भूतपूर्व प्रधानमंत्री बन गये और उनका समाधि स्थल दिल्ली में बेशकीमती ज़मीन पर बना है… ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे… अपने यहाँ तो अंधा बाँटे रेवड़ी वाला किस्सा है…
अरे बाबा इतना कुछ तो दे रहे है ? ओर क्या चाहिये, इतने धोखे दे रहे है, घटोले दे रहे है, मिलावटी समान दे रहे है, नकली दवा दे रहे है, ताकि मरने के लिये जहर ना खरीदना पडे, धमकिया दे रहे है कि पेसो दो वरना... अपनी गंदी गंदी शकल की मुर्तिया दे रहे है, ओर सब से बडी बात भुख दे रहे है.....
भाई अब क्या बताये इस देश के नेता हमे क्या दे रहे है, आओ मिल कर इन्हे लानत ही दे दे.
आप ने तो अपने लेख मै जनता की दुखती रग पर हाथ लगा दिया, बहुत अच्छा लिखा.
धन्यवाद
kyaa fayada...hain to sasure jahil hi..saari sadaka laal - neelee poth rakhi hai...
सही कहा,दलित वहीं हैं,जहाँ थे ।
dr.Ambedkar ne to kuchh yogdaan diya hai , lekin baki dono to starheen rajniti karte rahe
विचारोतेजक लेख
क्यों नहीं दिया जातिवाद इतनी बड़ी देन है इनकी !! इन्होने अनसुचित जाती जनजाति को आभास कराया की तुम समाज में हीन हो | वरना पहले सब एक थे
यह सब देश का दुर्भाग्य है और कलंक भी ।
aapke prashn men jwab bhi to shamil hai.
बहुत अच्छा लेख है। ब्लाग जगत मैं स्वागतम्।
कलम से अच्छा लिखकर ही समाज को जगाया जासकता है । परन्तु अंग्रेजोम की नीति पर आज के नेता अपनी रोटी सेक रहे हैं । अब तो इस देश को भगवान भी नहीं बचा सकता है ।
अच्छे प्रयास के लिए बधाई ।
Bhai saahab kya kareN ?
Mahfooz sahab...VPS, RVS, LPY ye sab aise brand hain jinhone 90 mein jaatiwaad ki aag lagayee.Isse pahle bhi jaatiwaad tha...lekin tab hum ek saath rahte khaate aur khelte the.Zahar to rajniti ke in thekedaron ne ghola.VP parlok sidhar gaye, ab Ram Vilas mandal ka kamandal dho rahe hain...aur bahan ji dalit naam ki maalaa jap kar lakshmi batore rahi hai..Rahi baat kanshi raam ki...to bhai jisne rajniti mein hi na kuchh paya aur na de sakaa uski baat hi bemani hai...
" bahut hi badhiya ...accha laga padhker."
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
बहुत खूब लिखा है आप ने
बहुत -२ आभार
Ekdam dil ki bat kah di aapne. aapke en bicharon se purntaya sahmat hun.
माया तू महाठगिनि मैं जानू फिर भी ठगा जाउं....
Post a Comment